Opinion

नारी अस्तित्व के लिए संघर्ष – पहली कड़ी

वो २००४ में सबके सामने आई. क्योंकि निर्देशक थियो वैन गॉग की हत्या हो गई…लेकिन उसका कारण था अयान अली की फिल्म `सबमिशन’  की पटकथा..उसमें उसने इस्लाम और स्त्रियों पर होनेवाले अत्याचारों का निरूपण किया था. इस फिल्म का काम चल रहा था. उसमें धर्म विरोधी प्रसंग थे. इसीलिए थियो वैन गॉग की हत्या कर दी गई वहीं चाकू के नीचे धमकी का पत्र रखा गया था.

…..यह मुझे स्वीकार्य नहीं है. अयान हिरसी अली

पहली कड़ी

अयान हिरसी अली…सोमालिया के मोगादिशु में जन्मी अफ्रीकी महिला जो धर्म से मुसलमान है. वर्तमान में धर्म के विरोध में खडी अयान ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है. अपने धर्म की स्त्री विषयक विशिष्ट दृष्टि के कारण जो अत्याचार सहे, उसके विरोध में वह सक्रिय हुई है.

अयान पांच वर्ष की थी तब वहां की धार्मिक परंपरा के अनुसार उसका खतना किया गया. असल में उसके पिता इसके विरोध में थे. लेकिन उनके जेल में रहने के दौरान उसकी दादी ने एक पुरुष को बुलाकर उसका खतना करवा दिया. बिना बेहोश किए शरीर पर हुए इस आघात के कारण उसके बाल मन पर हमेशा के लिए एक आघात लग गया.

आगे चलकर उसका परिवार सऊदी अरब में जाकर बस गया. वहां उसे कट्टर इस्लामिक शिक्षा मिली. वह हिजाब का उपयोग करने लगी और कट्टर धार्मिक विचारों को अपनाने लगी. सलमान रश्दी के विरोध में दिया गया `फतवा’  भी उसे स्वीकार था. बाद में उसका परिवार केनिया के नैरोबी में आ गया. वहां पर पठन बढ़ चुका था. फिर वह नीदरलैंड्स में आ गई. सिग्मंड फ्राइड के विचारों से वह प्रभावित हुई. राजनीति शास्त्र विषय में उसने मास्टर्स किया. सोमाली, ओबिक, स्वाहिली, डच और अमहारिक जैसी सारी भाषाएं उसे आती हैं.

आगे वह नीदरलैंड्स के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में चुनकर आई. लेकिन वह सुर्खियों में आई २००४ में. क्योंकि निर्देशक थियो वैन गॉग की हत्या हो गई….लेकिन उसका कारण था अयान अली की फिल्म `सबमिशन’  की पटकथा… उसमें उसने इस्लाम और स्त्रियों पर होनेवाले अत्याचारों का निरूपण किया था. इस फिल्म का काम चल रहा था. उसमें धर्म विरोधी प्रसंग थे. इसीलिए थियो वैन गॉग की हत्या कर दी गई वहीं चाकू के नीचे धमकी का पत्र रखा गया था.

इसीलिए अयान अली इस्लामिक कट्टरपंथियों की काली सूची में है.

उसने इस्लाम के नाम पर महिलाओं पर होनेवाले अत्याचारों, महिलाओं के साथ किए जानेवाले दोयम दर्जे के  बर्ताव, जबरन निकाह, बहुपत्नीत्व, बाल विवाह, खतना जैसी बातों पर सार्वजनिक रूप से आलोचना शुरू कर दी. जिस धर्म में उसका जन्म हुआ उसी धर्म की रूढियॉं-परंपराएँ उसकी विवेक बुद्धि को उचित नहीं लगीं इसीलिए अयान अली ने धर्म की आलोचना शुरू की. उसने सीधे पैगंबर की ही आलोचना की. इसीलिए उसे जान से मारने की धमकियॉं दी जा रही हैं. ९/११ के अल कायदा के अमेरिका पर किए गए हमले का उसने निषेध किया. उसने यह टिप्पणी भी की कि ‘कुरान’ केवल एक ऐसिहासिक दस्तावेज है. (संदर्भ-सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड- ४ जून २००७) उसने २००२ में अपने नास्तिक होने की घोषणा की. इस्लाम में विभिन्न अपराधों के लिए जो सजाएं बताई गई हैं, उन्हें भी उसने खारिज कर दिया है.

अभी वह अमेरिका में `आहा फाउंडेशन’  नामक स्वयंसेवी संगठन चला रही है. यह संगठन महिला और लडकियों के मानवाधिकारों की रक्षा इस्लाम में निहित अनिष्ट रूढियों-परंपराओं से करता है. इस्लाम धर्म की परंपरा सार्वजनिक रूप से नकारने के कारण इस्लामिक कट्टरपंथी उसे जान से मारने के प्रयास में हैं. यह जानकर भी वह अपने विचारों और समाज कार्य के प्रति अडिग है.

–              रूपाली राहुल भुसारी

एम. फिल. (राजनीतिशास्त्र) (पत्रकारिता और जनसंज्ञापन पदविका)

अतिथि अधिव्याख्याता, मुक्त पत्रकार और लेखिका

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