फिल्मों के माध्यम से संस्कृत भाषा का प्रसार देश व संस्कृति के लिए अनुकूल – दिग्पाल लांजेकर
‘जनमानस को आकार देने के लिए फिल्म एक बहुत ही प्रभावी माध्यम है। संस्कृत ईश्वर की भाषा है, ज्ञानविज्ञान की भाषा है। इसका प्रसार संस्कृत भारती इस लघु फिल्म महोत्सव के माध्यम से कर रही है, यह अभिनंदनीय है’ ऐसा जाने-माने फिल्म निर्देशक दिग्पाल लांजेकर ने लघु फिल्म महोत्सव में कहा। इस लघु फिल्म महोत्सव का आयोजन संस्कृत भारती की ओर से किया गया था। इसमें देश-विदेश की ३० लघु फिल्मों ने भाग लिया।
उन्होंने आगे कहा, ‘शिवछत्रपति का चरित्र को लोगों के सामने प्रस्तुत कर हम देशभक्ति जगाने का काम कर रहे हैं। मैंने अपनी फिल्मों में संस्कृत का प्रभावी प्रयोग किया है। संस्कृत से आपकी पेशकश प्रभावी बनती है। लोगों ने मेरी फिल्म के संस्कृत गीतों का रिंग टोन के रूप में उपयोग किया।’
यह कार्यक्रम मुलुंड के महाराष्ट्र सेवा संघ में आयोजित किया गया था। संस्कृत भारती के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर वझे ने आभार व्यक्त किया।