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बाबा के द्वार पर देवदूत बनी सेना

अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. इस घटना में 40 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं. इस बीच सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। सेना लोगों को एयरलिफ्ट कर रही है। माउंटेन रेस्क्यू टीम लापता लोगों की तलाश में जुट हुई है, फिलहाल हालात खराब होने के बाद अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया है।

भारी बारिश की चेतावनी के बीच अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से 15 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि करीब 50 लोग लापता हो गए हैं। बादल फटने के बाद पहाड़ से आया सैलाब श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए 3 लंगरों समेत करीब 40 टेंट बहा ले गया। सैलाब गुफा के सामने श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए टेंटों के बीचों-बीच निकला। सेना, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ीं कई टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं।

बाढ़ की चपेट में आए शिविर के टेंटों से निकालकर लोगों को फौरन पहाड़ की ढलान तक सुरक्षित पहुंचाया गया। कई लोगों को बचाया गया है। घायलों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। हादसे के समय गुफा के पास करीब पांच हजार लोग मौजूद थे। यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है। हालात को देखते हुए रेस्क्यू दल रात को बर्फीले पानी और अत्यधिक ठंड के बावजूद राहत एवं बचाव कार्य जारी रखेंगे।

भारतीय वायु सेना ने अमरनाथ में बचाव और राहत कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर को सेवा में लगाया है. Mi-17V5 हेलीकॉप्टरों ने पंचतरणी में NDRF और नागरिक प्रशासन कर्मियों के साथ मिलकर 21 बचे लोगों को बचाया है। भारतीय वायु सेना ने बताया कि हेलीकॉप्टर छह शवों को भी वापस ले आए हैं. IAF Mi-17V5 और चेतक हेलीकॉप्टरों आगे का बचाव अभियान चलाया जा रहा है. जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों में सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर विमान स्टैंडबाय पर हैं।

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