क्यों मनाया जाता है विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 2022
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है। ये दिवस न केवल वर्तमान पीढ़ी को बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक स्वस्थ पर्यावरण के महत्व की याद दिलाता है। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का उद्देश्य वनस्पतियों और जीवों जैसे प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा करना है। इस दिन को मनाने के लिए लोग अधिक से अधिक पेड़ लगाते हैं व पानी और बिजली की बचत के लिए जागरूकता फैलाने के लिए अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
विश्व स्तर पर प्लास्टिक का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है जो कि प्रकृति के लिए उचित नहीं है और इसी बात को ध्यान को में रखते हुए इस वर्ष की थीम “कट डाउन ऑन प्लास्टिक यूज” रखी गई है।
प्रकृति संरक्षण क्या है?
• सामान्य बोलचाल की भाषा में संरक्षण से तात्पर्य मानव जाति की स्थायी भलाई के लिए पृथ्वी और उसके संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग से है।
• पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों में हवा, खनिज, पौधे, मिट्टी, पानी और वन्यजीव शामिल हैं।
• संरक्षण इन संसाधनों की देखभाल और सुरक्षा है ताकि इन्हें आने वाली पीढ़ी के लिए संरक्षित किया जा सके।
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का उद्देश्य क्या है?
• इस दिन का उद्देश्य विश्व को स्वस्थ रखने के लिए पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
• साथ ही पौधों और जानवरों को बचाना जो विलुप्त होने के कगार पर हैं।
• प्रकृति के विभिन्न घटकों जैसे वनस्पतियों और जीवों, ऊर्जा संसाधनों, मिट्टी के पानी और हवा को बरकरार रखना।
*पर्यावरण संरक्षण के प्रयास
-जंगलों को न काटे।
-जमीन में उपलब्ध पानी का उपयोग तब ही करें जब आपको ज़रूरत हो।
-कार्बन जैसी नशीली गैसों का उत्पादन बंद करे।
-उपयोग किए गए पानी का चक्रीकरण करें।
-ज़मीन के पानी को फिर से स्तर पर लाने के लिए वर्षा के पानी को सहेजने की व्यवस्था करें।
-ध्वनि प्रदूषण को सीमित करें।
-प्लास्टिक के लिफाफे छोड़ें और रद्दी काग़ज़ के लिफाफे या कपड़े के थैले इस्तेमाल करें।
-जिस कमरे मे कोई ना हो उस कमरे का पंखा और लाईट बंद कर दें।
-पानी को फ़ालतू ना बहने दें।
-आज के इंटरनेट के युग में, हम अपने सारे बिलों का भुगतान आनलाईन करें तो इससे ना सिर्फ हमारा समय बचेगा बल्कि काग़ज़ के साथ साथ पैट्रोल डीजल भी बचेगा।
-ज्यादा पैदल चलें और अधिक साइकिल चलाएं।
-प्रकृति से धनात्मक संबंध रखने वाली तकनीकों का उपयोग करें। जैसे-
-जैविक खाद का प्रयोग
-डिब्बा-बंद पदार्थो का कम इस्तेमाल।
-जलवायु को बेहतर बनाने की तकनीकों को बढ़ावा दें।
-पहाड़ खत्म करने की साजिशों का विरोध करें।