Hinduism

साधुओं के लिए मौत का कुआं बन गया है राजस्थान

कभी सनातनी साधुओं के लिए साधना हेतु सुरक्षित भूमि रही राजस्थान आज साधुओं की श्मशान भूमि बनती जा रही है। हिन्दू तीर्थों को नष्ट करने की कीमत पर भी सरकारी अमला अवैध माइनिंग को जारी रखता है और उसके माथे पर इस बात से कोई शिकन नहीं पड़ता कि तीर्थों की रक्षा के लिए अवैध खनन रोकने की मांग लेकर 551दिनों तक अनशन करने के बाद निराश होकर कोई साधू सार्वजनिक घोषणा के साथ नियत तिथि को आत्मदाह कर लेता है और राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार उस हृदयविदारक मृत्यु को नहीं रोकती। मंदिर की संपत्ति लूटने के लिए साधुओं का गला रेता जा रहा है तो कहीं अंधे साधू को मारकर पेड़ से लटका दिया जा रहा है। हनुमानगढ़ के सांगरिया में साधु की हत्या हुई है। इससे पहले जालोर और भरतपुर में साधुओं की हत्या या मौतों पर सरकार स्पष्टीकरण नहीं दे पाई।

राजस्थान में पिछले साढ़े तीन वर्षों में अब तक सात लाख, 97 हजार 693 मुकदमे दर्ज हुए हैं।प्रदेश में साढ़े तीन वर्षो में 6 हजार 325 हत्याएं हो चुकी हैं, 5 हजार से भी अधिक लूट की वारदात हो चुकी हैं, चोरी की वारदात 1 लाख 29 हजार 489 हो चुकी हैं, महिलाओं पर अत्याचार के मामले 1 लाख 45 हजार 288 दर्ज हो चुके हैं, बच्चियों, महिलाओं पर रेप एवं गैंगरेप से संबंधित मामलों में 22 हजार 148 दर्ज हो चुके हैं, 26 हजार 794 मामले अनुसूचित जाति से संबंधित मामले दर्ज हुए। प्रदेश में 7 हजार 374 मामले अनुसूचित जनजाति से संबंधित मामले दर्ज हुए, वर्ष 2020 के मुकाबले 2022 में हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूट, अपहरण, बलात्कार, चोरी, नकबजनी में बढ़ोतरी हुई है, चोरी के मामलों में 21.53 प्रतिशत, लूट 28.57 प्रतिशत, बलात्कार 19.34 प्रतिशत और महिला अत्याचार में 18.75 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई।

राजस्थान में एक ऐसी दर्दनाक मौत हुई है जिससे राज्य सरकार के तौर तरीकों पर कड़े सवाल उठ रहे हैं. 551 दिन तक चले के एक धरने के बाद सनातन धर्मी एक साधु विजयदास ने आखिरकार अपने शरीर को आग लगा ली.संगरिया के भाखड़ावाली गांव में साधु चेतन दास की हत्यारों ने गला रेत कर जान ले ली. मृतक साधु भाखड़ावाली गांव में कुटिया बनाकर रहते थे.उनके शरीर पर कई चोट और घाव के निशान मिले हैं. जयपुर में बुधवार देर रात मुरलीपुरा थाना इलाके के लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी गिर्राज शर्मा ने खुद को आग के हवाले कर आत्महत्या का प्रयास किया जिसके बाद घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के लोगों ने उनको एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया.बताया जा रहा है कि पुजारी और मंदिर समिति के सदस्यों के बीच काफी समय से विवाद चल रहा था जिसके बाद समिति के लोग पुजारी को उनके पद से हटाना चाहते थे जिसको लेकर पुजारी को परेशान भी किया जा रहा था. वहीं समिति के लोगों से परेशान होकर पुजारी ने खुद को आग लगा ली.

बीते महीने भरतपुर के आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन खनन को लेकर पसोपा में साधु के आत्मदाह का मामला काफी चर्चा में रहा था. अवैध खनन को लेकर पसोपा गांव में चल रहे आंदोलन के दौरान 20 जुलाई को संत विजयदास ने खुद को आग के हवाले कर दिया जिसके बाद पुलिस और वहां मौजूद लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश की.साधु को गंभीर हालत में आरबीएम अस्पताल ले जाया गया जहां से उनकी तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन साधु जिंदगी की जंग हार गए. इसके अलावा भरतपुर के भुसावर थाना इलाके के महतौली गांव में 3 अगस्त को एक संत बुद्धि सिंह का शव भी मंदिर के बाहर पेड़ से लटका हुआ मिला था. बताया गया कि संत नेत्रहीन थे और 20 साल पहले उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी. जालोर जिले के राजपुरा गांव में 6 अगस्त को संत रविनाथ महाराज का शव आश्रम के बाहर लटका हुआ मिला था जिसके बाद गांव में दहशत फैल गई थी. साधु रविनाथ के कथित आत्महत्या करने के पीछे शुरूआती जांच में भीनमाल से विधायक पूराराम चौधरी से उनका जमीनी विवाद सामने आया.हनुमानगढ़ जिले में बीते बुधवार को हुई साधु चेतन दास की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है।पूछताछ में सामने आया कि साधु और जसवीर के बीच जादू-टोने को लेकर विवाद चल रहा था। जिसे लेकर उसने साधु चेतनदास की हत्या कर दी।

जयपुर जिले के जमवारामगढ़ में एक महिला शिक्षिका की जलाकर हत्या कर दी गई,उदयपुर में कन्हैयालाल टेलर की नृशंस हत्या, भीलवाड़ा में आदर्श तापड़िया की हत्या, चित्तौड़गढ़ में रतन सोनी की हत्या, झालावाड़ में कृष्णा वाल्मीकि की हत्या, अलवर में हरीश जाटव और योगेश जाटव की हत्या, इस तरीके से पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हुआ है। पीएफआई को हिजाब के मसले पर कोटा में रैली की अनुमति दी, दूसरी तरफ हिंदू नववर्ष पर रामनवमी के जुलूस पर प्रतिबंध लगाया। कोई सरकार जब तुष्टीकरण पर आती है, तो प्रदेश की जनता के साथ न्याय नहीं कर सकती – नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया का यह कहना है।भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने प्रेस वार्ता में कहा कि -कांग्रेस सरकार की नीयत में खोट है, सरकार ने इस तरीके का उपक्रम किया है कि अपराधों और अपराधियों पर नकेल डालने के बजाय उन्होंने अपीजमेंट की पॉलिटिक्स शुरू की है, तुष्टीकरण की राजनीति की, इसी कारण करौली की घटना हुई, जोधपुर, भीलवाड़ा की घटनाएं हुई, क्योंकि सरकार ने तुष्टीकरण की राजनीति को प्रश्रय दिया।
उल्लेखनीय है , अशोक गहलोत गुजरात में जब एक प्रेस परिषद् को संबोधित कर रहे थे तो एक पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा तो वह जमवारामगढ़ की महिला टीचर को जलाने की घटना से अनभिज्ञ थे, उनको उनके सहयोगी ने बताया कि जमवारामगढ़ में इस तरीके की घटना हो गई, उन्होंने जयपुर की घटना का भी जिक्र किया कि जयपुर में एक साधु ने आग लगाकर आत्मदाह की कोशिश की, यह एक बानगी है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री जो गृहमंत्री भी हैं, प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाली घटनाओं पर कितने संवेदनहीन हैं और कितने अनभिज्ञ हैं।
सन्दर्भ
https://www.tv9hindi.com/state/rajasthan/ashok-gehlot-government-troubles-after-death-of-many-sadhus-in-state-questions-raised-on-police-au275-1406813.html

https://www.aajtak.in/rajasthan/story/murder-of-saint-in-hanumangarh-rajasthan-police-started-investigation-lcl-1520866-2022-08-18

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/news/rajasthan-leader-of-opposition-gulabchand-katariya-to-cm-gehlot-over-monk-killings-and-moblynching-money-from-army-truck-came-to-bjp-office-130200766.html

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