राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पथसंचलन की अनुमति को लेकर तमिलनाडु के गृहसचिव और डीजीपी के विरुद्ध उच्च न्यायालय की अवमानना याचिका दी
कानून व्यवस्था के बहाने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पथसंचलन को आयोजित नहीं होने देने की तमिलनाडु पुलिस की चेष्टा के विरूद्ध मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य के तीन जगहों पर पथसंचलन किया गया। इनमें दो स्थान कल्लाकुरची एवं कडलोर उत्तर तमिलनाडु में हैं और पराम्बुलुर दक्षिण तमिलनाडु में इसके साथ ही पुडुचेरी के दो स्थानों पर पथसंचलन संपन्न हुआ।उत्तर तमिलनाडु के कलाकुरचीन और कडलोर एवं दक्षिणी तमिलनाडु के पराम्बुलोर में १००० से अधिक स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश तथा घोष (बैंड ) के साथ पद्संचालन किया जिसका शुभारम्भ तीनों शहरों के प्रमुख नागरिकों द्वारा किया गया। लोगों ने पथसंचलकों पर पुष्प वर्षा कर अपना समर्थन व्यक्त किया। पथसंचलन के समापन में २००० से अधिक व्यक्ति उपस्थित थे।
चूंकि राज्य पुलिस ने सभी स्थानों पर रूट मार्च की अनुमति को निरस्त कर दिया, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अवमानना याचिका दायर की।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 2 अक्टूबर को होने वाले अपने “रूट मार्च” के लिए संगठन को अनुमति देने के अदालत के आदेश की जानबूझकर अवज्ञा करने के लिए गृह सचिव और डीजीपी सहित राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष अदालत की अवमानना याचिका दी है। चूँकि पथसंचलन नगर के मुख्य मार्ग पर ही किया जाता है ,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ४५ स्थानों पर पथसंचलन नहीं किया। इसको पथसंचलन के विरुद्ध मानते हुए संघ ने मात्र पांच स्थानों पर ही पथसंचलन किया जिसमें दो स्थान पुदुचेरी में ,दो स्थान उत्तर तमिलनाडु में और एक स्थान दक्षिण तमिलनाडु में आता है।
मद्रास उच्च न्यायालय ने 6 नवंबर, 2022 को तमिलनाडु में 44 स्थानों पर आरएसएस के पथसंचलन की अनुमति दी और सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे तदनुसार सुरक्षा व्यवस्था करें।हालांकि कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति परिसर में ही दी गई है। बुधवार को, तमिलनाडु पुलिस ने आरएसएस को केवल तीन स्थानों – कुड्डालोर, पेरम्बलुर और कल्लाकुरिची में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी।न्यायमूर्ति जीके इलांथिराययन ने छह स्थानों- कोयंबटूर शहर, पोल्लाची, मेट्टुपालयम, पल्लदम, अरुमानई और नागरकोइल- में जब तक कानून -व्यवस्था की स्थिति सामान्य न हो जाए ,कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि जुलूस बाहर निकाले जाएं जबकि सार्वजनिक सभाएं परिसर में ही शर्तों का कठोरता से पालन करते हुए होनी चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तमिलनाडु प्रांत ने इस वर्ष 2 अक्टूबर को वार्षिक पथ संचलन आयोजित करने का निर्णय लिया। सांप्रदायिक कानून और व्यवस्था की समस्या का हवाला देते हुए, तमिलनाडु पुलिस ने 2 अक्टूबर को अनुमति देने से इनकार कर दिया। अस्वीकृति के आधार पर, आरएसएस ने सभी जिलों से पचास याचिकाओं के साथ पथसंचलन आयोजित करने की अनुमति के लिए उच्च न्यायालय में अपील की। ।न्यायमूर्ति जी के एलांथिरायन ने मामले की सुनवाई की और पुलिस को 28 सितंबर को या उससे पहले रूट मार्च के लिए जुलूस के मार्ग प्राप्त करने की अनुमति देने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति जीके इलांथिरैयन की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार को 28 सितंबर या उससे पहले अनुमति देनी चाहिए और उन्होने इसका विस्तृत आदेश बाद में पारित करने की व्यवस्था दी ।
संत रामलिंगा अडिगलर की २०० वीं जयन्ती ,महात्मा गांधी की १५३ वीं जयन्ती एवं भारतीय स्वाधीनता दिन की ७५ वीं वर्षगाँठ पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ५० स्थानों पर पथसंचलन की अनुमति प्रशासन से मांगी थी किन्तु प्रशासन ने ‘शांति व्यवस्था और कानूनी असुविधा ‘ के बहाने मात्र पांच स्थानों पर ही पथसंचलन की अनुमति दी। यहां तक कि राज्य ने अपने आदेश की समीक्षा के लिए अदालत का रुख किया।राज्य पुलिस ने पहले 2 अक्टूबर, 2022 को 50 से अधिक स्थानों पर आरएसएस के पथसंचलन और जनसभा की अनुमति को अस्वीकार कर दिया था,जबकि मद्रास उच्च न्यायालय ने भी मंजूरी दे दी थी जिसके बाद आरएसएस ने अवमानना याचिका दायर की थी।उल्लेखनीय है कि जम्मू -कश्मीर , केरल और पश्चिम बंगाल समेत पूरे भारत में नगरों के मुख्य मार्ग पर ही पथसंचलन किया जाता है इसलिए मद्रास हाईकोर्ट द्वारा चारदीवारी अथवा स्टेडियम में पथसंचलन की अनुमति देना दुर्भाग्यपूर्ण है।
संघ द्वारा दायर अवमानना याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति जीके इलांथिरायन ने पुलिस को 2 नवंबर तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। बुधवार को, तमिलनाडु पुलिस ने आरएसएस को केवल तीन स्थानों – कुड्डालोर, पेरम्बलुर और कल्लाकुरिची में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी। इसने 23 अन्य स्थानों पर घर के अंदर कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी और शेष 24 स्थानों पर अनुमति देने से इनकार कर दिया।आज सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि कुछ स्थानों को छोड़कर अनुमति से इनकार करने के लिए कोई प्रतिकूल सामग्री नहीं है, और पूरे तमिलनाडु में 44 स्थानों पर आरएसएस के मार्ग मार्च की अनुमति दी गई है।
मद्रास उच्च न्यायालय ने 6 नवंबर, 2022 को तमिलनाडु में 44 स्थानों पर आरएसएस के पथसंचलन की अनुमति दी और सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे “मुद्दे को तेज न करें” और तदनुसार सुरक्षा व्यवस्था करें।मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, तमिलनाडु में तीन स्थानों – कल्लाकुरिची, कुड्डालोर और पेरम्बलुर जिलों में वार्षिक आरएसएस पथ संचलन हुआ। इस कार्यक्रम में सैकड़ों स्वयंसेवकों ने भाग लिया और बड़ी संख्या में पुरुषों और महिलाओं ने भाग लिया।