देवर्षि नारद पत्रकारिता सन्मान समारोह २०२३ में महामहिम राज्यपाल जी का आशीर्वचन..
विश्व संवाद केंद्र, मुंबई द्वारा आयोजित २२ वा ‘देवर्षि नारद पत्रकारिता सम्मान’ समारोह
(राजभवन, मुंबई,(Raj Bhavan Mumbai) ३ मई २०२३ दोपहर १२ बजे)
प्रिय श्री सुधीर जोगलेकर, अध्यक्ष, विश्व संवाद केंद्र (वरिष्ठ पत्रकार, संपादक); श्री निशिथ भांडारकर, प्रमुख विश्व संवाद केंद्र; पुरस्कार चयन समिति के सदस्य; देवर्षि नारद पत्रकारिता पुरस्कार के सभी विजेता; विभिन्न क्षेत्रों से आये पत्रकार… बहनों और भाइयों..
विश्व संवाद केंद्र द्वारा स्थापित ‘देवर्षि नारद पत्रकारिता पुरस्कार’ सम्मान समारोह में सम्मिलित होकर अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है ।
देवर्षि नारद पत्रकार सम्मान (devarshi narad patrakarita sanman sohala) के लिये चुने गये प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल और सोशल मीडिया के सभी पत्रकारों का मै हार्दिक अभिनंदन करता हूँ और उन्हे बधाई देता हूं।
श्री सुधीर जोगलेकर जैसे प्रतिष्ठित संपादक और वरिष्ठ पत्रकार ‘विश्व संवाद केंद्र’ के प्रमुख हैं।
पुरस्कार चयन समिति के जूरी सदस्य भी महाराष्ट्र के बेहद प्रतिष्ठित पत्रकार हैं।
डॉ. उदय निरगुडकर, मृणाल, किरण शेलार, दिनेश गुणे जैसे जाने माने पत्रकार चयन समिति के सदस्य है |
विश्व संवाद केंद्र पुरस्कार ईमानदारी, सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता के लिए जाने जाते हैं।
ऐसे समिति द्वारा चयन होकर देवर्षि नारद के नाम से दिये जाने वाला सम्मान प्राप्त करना, मै समझता हूँ बहुत बडी उपलब्धि है |
मैं चयन जूरी के सभी सदस्यों को भी उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई देता हूं।
देवर्षि नारद, एक महान भक्त और ब्रह्मज्ञानी संत होने के अलावा बेहतरीन प्रभावशाली वक्ता और संचारकों में से एक थे।
उन्होंने व्यापक सार्वजनिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने वाणी और संचार की शक्ति का उपयोग किया।
कई लोग उन्हें पहला पत्रकार भी मानते हैं।
इसलिए उनके नाम वाला पुरस्कार दिया जाना अपने आप में सम्मान की बात है।
मैं वरिष्ठ पत्रकार बालकृष्ण उर्फ प्रमोद कोनकर और दैनिक ‘सकाल’ के प्रतिभाशाली वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रवीण टोकेकर जी को विशेष रूप से बधाई देता हूं।
मैं समझता हूं कि श्री टोकेकर का राजनीतिक व्यंग्य स्तंभ महाराष्ट्र में प्रकाशित सबसे लोकप्रिय स्तंभों में से एक है।
न्यूज एंकर श्री दीपक पलसुले, टाइम्स ऑफ इंडिया के श्री. वैभव पुरंदरे, ज़ी चोवीस तास के संपादक श्री. नीलेश खरे, ‘प्लैनेट मराठी’ की सुश्री जयंती वागधरे, लोकप्रिय यूट्यूबर श्री. अनय जोगलेकर, लेखक और स्तंभकार श्री. अंशुल पांडे और सोशल मीडिया पुरस्कार विजेता श्री निनाद पाटिल और श्री हृषिकेश मगर का भी मै हार्दिक अभिनंदन करता हुं ।
मैं, दो महीने पहले राज्यपाल के रूप में पद भार संभालने के बाद से महाराष्ट्र के पत्रकार मित्रों से मिलने और बातचीत करने के अवसर की तलाश में था।
मुझे आनंद है आज हम आप से मिल रहे है |
एक राजनीतिक, संगठन कार्यकर्ता, विधायक और फिर सात बार सांसद, मंत्री और अब राज्यपाल के रूप में कार्य करते समय प्रदेश और देश के अनेक पत्रकारों के साथ मेरी अत्यधिक मित्रता रही है।
वैसे राजनेताओं और पत्रकारों के बीच खट्टा – मीठा का रिश्ता होता ही है।
यही इस रिश्ते की खूबसूरती है।
सन १९७८ मे मैं रायपुर नगर निगम का पार्षद चुना गया | तब से लेकर आज २०२३ तक मीडिया के क्षेत्र में काफी बदलाव आया है।
हमने १९७५ से १९७७ तक की अवधि देखी है जब राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया गया था और कई पत्रकार जेल में बंद थे।
राजनीति में मेरे मार्गदर्शक, फ्रेंड, फिलोसोफर और गाइड – श्री कुशाभाऊ ठाकरे भी मिसा के अंदर जेल में बंद थे |
उन दिनो मीडिया सीमित था |
फिर भी हमारे पत्रकार, जी जान से लडे और इमरजेंसी का कडा विरोध किया |
सत्य की राह पर चलना हमेशा कठिण होता है |
सत्य एक ही होता है | लेकिन लोग उसे अलग-अलग परिप्रेक्ष्य में देखते है |
हमारे वेद कहते है :- ‘एकम सत, विप्रा बहुधा वदन्ति |’
पहले सत्य जानने के लिए सीमित जरीये थे |
आज माध्यम बहुत है ।
फिर भी सत्य खोजना कठिन हो रहा है |
खबरें अनेक रंग बिरंगी आवरण में आती है |
दोस्तों,
हम १९९० के बाद से मीडिया क्रांति देख रहे हैं।
मीडिया स्पेस में आज प्रिंट मीडिया के अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया, डिजिटल मीडिया, स्वतंत्र चैनलों और सोशल मीडिया का बोलबाला है।
इसीलिए लोग ट्रेडिशनल माध्यमों से दूर जाते दिखते है ।
यह आश्चर्य की बात है कि आज बहुत अधिक लोग निजी व्यक्तियों, पत्रकारों और प्रभावशाली ओपिनियन मेकर्स द्वारा निर्मित कंटेंट देख रहे हैं।
न्यूजपेपर्स के संपादकीय संभवता कम लोग पढ़ रहे हैं |
उससे कई लोग, विशेष रूप से युवा, आज स्वतंत्र व्लॉगर्स और यूट्यूबर्स द्वारा निर्मित समाचार और विश्लेषण देख रहे हैं।
मेरी पीढ़ी और शायद आपकी पीढ़ी अखबार पढ़ रही है।
लेकिन युवा पीढ़ी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर न्यूज कॉन्टेंट देख रही है।
इधर हम ‘प्रेस की आजादी’ की बात करते रहे और उधर हमारे युवा ‘प्रेस से आजादी’ की ओर जाते नजर आ रहे हैं।
आज से २० साल बाद प्रिंट मीडिया का क्या परिदृश्य क्या होगा इसकी कल्पना करना कठिन लगता है ।
लेकिन डिजिटल प्लेटफॉर्म अच्छा कार्य कर रहे हैं।
हालाँकि फ़र्ज़ी ख़बरों, अभद्र कन्टेन्ट, अनुचित ख़बरों, झूठी ख़बरों में तेजी आई है।
चिंता की बात है कि, आज कल बहुत ही अनुचित सामग्री, वीडियो, सोशल मीडिया पर बनाए और साझा किए जाते हैं।
एक ग्रँडफादर के नाते मुझे लगता है कि केवल उपयुक्त और सुरक्षित सामग्री ही युवा पीढ़ी और छात्रों तक पहुंचनी चाहिए।
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अपशब्दों का हो रहा प्रयोग भी चिंताजनक है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी(narendra modi) के नेतृत्व में भारत का वैश्विक मंच पर आगमन हुआ है।
कुछ लोग देश कि तरक्की सह नही सकते ।
झुठे नैरेटिव्हज सेट किये जा रहे है ।
हमें विभाजनकारी ताकतों से समाज को बचाना होगा ।
विश्व संवाद केंद्र जैसे संगठनों को देश के दुश्मनों द्वारा बनाए गए झूठे नेरेटीव्जका मुकाबला करना होगा।
प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिजिटल और सोशल मीडिया के सभी प्रमुख मोर्चों पर हमें देश के हितों की रक्षा करनी होगी।
तथ्यों और आंकड़ों के साथ झूठे नैरेटिव्हज का मुकाबला करने में मीडिया को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
भारत की सीमाओं पर योद्धाओं की तरह आप सभी लोकतंत्र, संप्रभुता, अखंडता और स्वतंत्रता के रक्षक योद्धा हैं।
मैं आपको बधाई देता हूं और आपके भावी प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।
विभिन्न मीडिया के सर्वश्रेष्ठ पत्रकारों को सम्मानित करने के लिए विश्व संवाद केंद्र की सराहना करता हूं और बधाई देता हूं ।
धन्यवाद |
जय हिंद | जय महाराष्ट्र | |
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