ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर अमरावती जोधपुर उदयपुर ऊना अमेठी आजमगढ़ नोएडा समेत अनेक स्थानों में निकाले गए जुलूस में लोगों ने ‘सिर तन से जुदा’ की धमकियां दुहरायीं
ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर रविवार (9 अक्टूबर, 2022) को देश के अलग-अलग हिस्सों में ‘गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा’ ’ के नारे लगाकर मुसलमानों द्वारा देश विभाजन के पहले जैसा दंगों का वातावरण बनाने की गतिविधियों को और गहरा किया गया। पिछले पांच महीनों से जिस तरह से वे हिन्दुओं को भयभीत करने में लगे हैं उससे नोआखाली दंगे स्वभावतः याद आ रहे हैं। राजस्थान (RAJSTHAN ) के जोधपुर (JODHPUR ) व उदयपुर (UDAYPUR ), गुजरात के ऊना (UNA ), उत्तर प्रदेश के अमेठी (AMETHI )और आज़मगढ़ (AZAMGARH ) , मध्यप्रदेश के खंडवा (KHANDAWA ), महाराष्ट्र के अमरावती (AMRAWATI ) में ‘गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा’ ‘ की नारेबाजी की गयी और पाकिस्तानी झंडे भी लहराए गए।
जब मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान बनाने की आखिरी हद तक पहुंचकर डायरेक्ट एक्शन की घोषणा की थी, इसके बाद दंगे भड़कने शुरू हो गए थे. इसमें सीधे कार्रवाई के आवाहन के बाद दंगे भड़के। मुस्लिम बहुल नोआखाली जिले में हिंदुओं का कत्लेआम होने लगा। कुछ दिन तक इस जगह के हालात के बारे में लोगों को पता नहीं चला, फिर जब जानकारी मिली तो अन्य जगहों पर भी दंगे भड़कने शुरू हो गए। फिर पाकिस्तान की मांग के साथ ही दंगे और अधिक बढ़ गए। कई लोगों की हत्या कर दी गई और महिलाओं के साथ अत्याचार चरम पर पहुंच गया ,ये सुनियोजित दंगे थे। बीबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि उस दौरान लक्ष्मीपुर में भीषण मारकाट हुई थी और सैंकड़ों महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया।विवाहित महिलाओं का जबरन निकाह कराया गया। उस समय हिंदू मंदिरों को क्षति पहुंचाई गई। अभी की स्थिति ये है कि कई मंदिर ऐसे हैं, जिनमें अभी भी पूजा नहीं की गई है। कई रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि उस दौरान यहां 72 घंटों के भीतर 6 हजार से अधिक लोग मारे गए थे. 20 हजार से अधिक घायल हो गए थे. 1 लाख से अधिक बेघर हो गए थे। इसे ‘ग्रेट कलकत्ता किलिंग ‘भी कहा जाता है। आज भी मुसलमान देश के विभिन्न क्षेत्रों में उत्पात का कोई अवसर नहीं चूकता। वह न केवल धमकी देता है बल्कि कभी हत्या करता है तो कभी हिन्दू लड़कियों को जीवित जला देता है। इससे आगे बढ़कर अब मुसलमानों द्वारा ईद के अवसर पर सार्वजनिक रूप से गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा’ ’ की धमकियां तलवार -भाले लहराकर देने लगा है।
उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में भी ईद मिलादुन्नबी के मौके पर ‘गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा’ ’ का नारा लगाया गया। यह नारेबाजी शहर के पुरानी कोतवाली क्षेत्र में की गई। नारेबाजी के वायरल वीडियो में ‘गुस्ताख-ए-नबी की एक सज़ा- सिर तन से जुदा, सिर तन से जुदा’ के साथ ‘नारा-ए-तकबीर, अल्लाह-हू-अकबर’ भी कहा जा रहा है। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक आज़मगढ़ में 3 को गिरफ्तार कर जिला से बाहर निकालने की कार्रवाई की गयी है ।
अमरावती (Amravati) में एक जुलूस के दौरान आपत्तिजनक नारे लगाए गए। इसके बाद मंगलवार को मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। सूत्रों के मुताबिक अमरावती के ग्रामीण इलाके में ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर निकाले गए जुलूस में शामिल हुए लोगों ने ‘सिर तन से जुदा’ का नारा लगाया। इस मामले में 8 से 10 अज्ञात लोगों के विरुद्ध आपत्ति लिखवाई गई है।
ईद मिलाद-उन-नबी, Prophet Muhammad की जयंती के मौके पर हर साल मनाया जाता है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें लाउडस्पीकर पर ‘सिर तन से जुदा’ नारे लगाए जा रहे हैं, जिसे बाद में रैली के दौरान लोगों ने भी दोहराया। साथ ही वे हरे रंग के झंडे लहराते भी नजर आए। ईद मिलाद-उन-नबी जुलूस के दौरान आपत्तिजनक नारे लगाने के बाद महाराष्ट्र के अमरावती में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में है। पुलिस ने अमरावती के अचलपुर में परतवाड़ा पुलिस स्टेशन में धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर आपस में दुश्मनी को बढ़ावा देना) 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया है। भारतीय दंड संहिता (IPC) और बॉम्बे पुलिस अधिनियम 135 की धारा (2) भी लगाई गई है।
अमरावती जिले के ग्रामीण इलाके में जब यह यात्रा निकाली जा रही थी तब वहां पुलिस भी मौजूद थी। इस पूरी घटना के बाद जिले के प्रतापवाड़ा पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 153 (अ) 505 (2) और 135 मुंबई पुलिस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में बीजेपी (BJP) नेता निवेदिता चौधरी ने पुलिस को दिए निवेदन में यह कहा है कि उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या (Kanhaiya Lal Murder Case) के बाद इसी तरह का नारा लगाया गया था।
अमरावती जिले में अचलपुर और परतवाड़ा को बेहद संवेदनशील इलाका माना जाता है। यहां पहले भी झंडा लगाए जाने को लेकर पहले दो गुटों के बीच विवाद का मामला अभी तक ठंडा नहीं हुआ है। इसी बीच जुलूस के दौरान इस तरह के भड़काऊ नारों ने अमरावती पुलिस की मुसीबत को फिर बढ़ा दिया है।
अमरावती जिला बीते कुछ महीनों से कभी अमोल कोल्हे की हत्या तो कभी सांसद नवनीत राणा द्वारा उठाए गए लव जिहाद जैसे मामलों को लेकर चर्चित रहा है। यह वही मामला है जिसमें नवनीत राणा पुलिस स्टेशन में पुलिस अधिकारियों के साथ बहस करती हुई नजर आई थीं। 54 वर्षीय उमेश कोल्हे की 21 जून की रात करीब 10 बजे हत्या कर दी गई थी। कुछ बाइक सवारों ने उनके गर्दन पर चाकू से कई वार किए थे। उमेश की हत्या पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में कुछ वॉट्सऐप ग्रुपों पर एक पोस्ट शेयर करने को लेकर हुई थी।
सन्दर्भ