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“आरोग्य भारती”.. रोग प्रतिबन्धन के लिए समर्पित स्वास्थ्य सेवा संगठन..

(A Voluntary Holistic Health Care Service Organisation)

वार्षिक वृत्त 2024-25

विगत वर्ष में आरोग्य भारती के कार्य में गुणात्मक वृद्धि हुई है। 14 विषयों की अखिल भारतीय टोलियां गठन कर प्रान्त स्तर पर टोलियों के गठन के साथ तीन विषयों (आध्यात्मिक स्वास्थ्य, किशोरावस्था स्वास्थ्य, गर्भ संस्कार) को नियमित विषय में जोड़कर अब कुल 27 विषयों में कार्य हो रहा है। पंच परिवर्तनों में से तीन (स्वदेशी भाव, कुटुंब प्रबोधन एवं पर्यावरण) एवं “जल एवं स्वास्थ्य” विषयों पर “विषय विकास कार्यशाला” हुई। इस वर्ष में “Integrated Health System” विषय पर सम्पूर्ण देश में विशेषज्ञ वक्ताओं के साथ चर्चा तथा संगोष्ठी करके सकारात्मक वायुमंडल बनाने का भी कार्य भी हुआ। कार्य के परिणामस्वरुप व्यक्तिगत जीवन में स्वस्य जीवन शैली का पालन, पारिवारिक जीवन में स्वस्थ परिवारों की संख्या में वृद्धि तथा समाजिक जीवन में अच्छे स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बढ़ रही है। वर्ष 2024-25 का वृत्त इस प्रकार है:-

  1. अन्य कार्यक्रमः- आरोग्य भारती का कार्य देश के सभी प्रान्तों में सफलतापूर्वक हो रहा है। सभी प्रान्त अपनी अपनी क्षमता के अनुसार कार्य को गति प्रदान कर रहे हैं। इसी क्रम में बहुत अच्छा कार्यक्रम लेह लद्दाख में स्थित Natonal Institute of Sowa Rigpa (NISR) के सभागार में संगोष्ठी का आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में वहाँ के निदेशक जी डॉ. पद्मा गुरुमेत जी की विशेष उपस्थिति रही एवं डॉ. पद्मा गुरुमेत जी आरोग्य भारती के अच्छे कार्यकर्ता के रुप में प्राप्त हुये। इसी प्रकार असम के शिलॉग, गुवाहाटी एवं अन्य जिलों में भी एसे ही कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुये। गोवा में जीर्ण रोग प्रबंधन विषय पर एक बड़ा सेमिनार हुआ जिसमें केन्द्रीय मंत्री श्री श्रीपाद यसो नाइक जी, रासायनिक कैंसर प्रबंधन के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. अशोक कुमार वाष्र्णेय जी की उपस्थिति से सभी कार्यकर्ताओं का अन्तर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ डॉ. योगेश बंडाले एवं उत्साहवर्धन हुआ। इस कार्यक्रम में आरोग्यम् नाम से एक स्मारिका का प्रकाशन किया गया इस सेमिनार में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान गोवा के चिकित्सक सहित 50 से अधिक सभी पैथी के चिकित्सकों एवं चिकित्सा विद्यार्थियों ने भाग लिया। पूरा कार्यक्रम पर्यावरण के अनुकूल प्लास्टिक मुक्त था।
  2. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024:- प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समय के साथ समाज व्यापी होता जा रहा है। आरोग्य भारती की दृष्टि से 43 प्रांतों, 583 जिलों के 3486 स्थानों पर 112358 पुरुष, 73805 महिलाएँ एवं 197577 विद्यार्थी = 835772 कुल संख्या के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यकर्ता विकास की दृष्टि से अधिक स्थानों पर छोटे-छोटे कार्यक्रम एवं समाज में प्रभाव की दृष्टि से कुछ बड़े कार्यक्रम सम्पन्न हुए।
  3. धन्वन्तरि जयंती 2024: – धन्वन्तरि जयंती आरोग्य भारती के कार्यक्रमों के लिए अनिवार्य कार्यक्रम की श्रेणी में आता है। अतः सभी प्रांतों एवं इकाईयों में यह कार्यक्रम सम्पन्न होता है। संकलित वृत्त के अनुसार 546 जिलों, 2086 स्थानों पर 37051 पुरुष, 30086 महिलाएँ एवं 63413 विद्यार्थी सहित कुल 130550 व्यक्ति उपस्थित हुए। इन कार्यक्रमों में 1060 विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित रहे एवं 111 व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवा के लिए धन्वन्तरि सम्मान प्रदान किया गया।
  4. कार्यशाला – कार्य के गुणात्मक विकास की दृष्टि से गतवर्ष में पाँच विषयों की अखिल भारतीय स्तर पर कार्यशालाएँ सम्पन्न हुई। जिनमें आध्यात्मिक स्वास्थ्य की नासिक, विजयवाड़ा, जबलपुर एवं ऋषिकेश में, व्यसन मुक्ति की पंचकुला में, किशोरावस्था स्वास्थ्य की काशी एवं मुम्बई में, विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम की जबलपुर में एवं आरोग्य मित्र प्रशिक्षण की नागपुर में सम्पन्न हुई। इसके अतिरिक्त स्वस्थ ग्राम योजना की क्षेत्रीय स्तर पर पाँच कार्यशालायें भी सम्पन्न हुई। प्रत्येक विषय में कुछ राष्ट्रीय कार्यकारिणी के कार्यकर्ता, विषयों के विशेषज्ञ, क्षेत्र में प्रत्यक्ष कार्य करने वाले एवं सेवाभावी कार्यकर्ता सम्मिलित रहे। इन कार्यशालाओं का अनुवर्ती प्रयास इस वर्ष में क्षेत्र स्तर पर कार्यशालाओं के रूप में सम्पन्न हो रहा है। सम्पूर्ण देश के सभी प्रान्तों में आरोग्य मित्र की कार्यशालायें भी नियमित रूप से होने लगी है। कार्यशालाओं से विषयों की व्यापकता, गहराई एवं दिशा निर्धारित करने में सहायता मिली, नये-नये विशेषज्ञ भी कार्य के साथ स्थाई रूप से जुड़ गये।

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  1. प्रबोधन कार्यक्रम:- आरोग्य भारती भोपाल महानगर विगत 10 वर्षों से स्वास्थ्य संबंधित अलग-अलग सामाजिक विषयों को लेकर प्रत्येक माह एक प्रबोधन का आयोजन करता आ रहा है। इस प्रबोधन का वार्षिकोत्सव प्रत्येक वर्ष सितम्बर के प्रथम सप्ताह में मनाया जाता है; समाज में इसकी एक पहचान भी स्यापित हो गई है। संगठन की दृष्टि से इसकी रचना व्यवस्था भी दिखने लगी है। 08 सितम्बर 2024 को 10वें वार्षिकोत्सव के सुअवसर पर सुप्रसिद्ध चिंतक विचारक डॉ. सुधांशु त्रिवेदी जी का व्याख्यान “वैश्विक स्वास्थ्य अवधारणा में भारतीय स्वास्थ्य चिंतन का दृष्टिकोण” विषय पर सम्पन्न हुआ। मध्यप्रदेश विधानसभा के सभागार में सम्पन्न इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी ने की। इसके सारस्वत अतिथि डॉ. अशोक कुमार वाष्र्णेय जी रहे। सभी विधा के चिकित्सक, चिकित्सा विद्यार्थी सहित समाज के सभी वर्गों के 1500 गणमान्य उपस्थित रहे।
  2. बाल रक्षा किट:- अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान नई दिल्ली द्वारा निर्मित 07 प्रान्त के 23 जिलों में 122 स्थानों पर कुल 30000 बच्चों को बाल रक्षा किट वितरण किया गया। इस कार्य में स्थानीय टोली के द्वारा किट के माध्यम से संगठन विस्तार का कुशल प्रयास किया गया। इससे बच्चों में स्वास्थ्य लाभ तो हुआ ही साथ ही आयुर्वेद एवं योग के प्रति सजगता भी बढ़ी है। भोपाल में इस किट के साथ-साथ प्रत्येक माह स्वर्णप्राशन का सेवन भी विगत 03 वर्षों से लगातार किया जाता है।
  3. तंत्र की सटीकता एवं मानकीकरण (Digitalization of the System):- संगठन तंत्र में सटीकता (Preciseness).मानकीकरण (Standardization) तथा प्रभाव आंकलन (Impact Analysis) करने के लिये Digitalization कार्य एक छोटी टोली के साथ प्रारम्भ हो गया है, अभी आरोग्य मित्र प्रशिक्षण विषय लिया है, धीरे-धीरे अन्य विषय भी इसमें जुड़ते जाएंगे।
  1. कार्य का क्रमिक विकास एवं प्रभाव:- समय के साथ कार्य, कार्यकर्ता, संगठन तंत्र एवं विषयों का विकास नियमित गति से हो रहा है। जहाँ एक ओर सभी प्रान्तों के बाद लगभग सभी जिलों तथा 45 प्रतिशत प्रखण्डों में कार्यकर्ता उपलब्ध है, वहीं कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग अब प्रान्त एवं विभाग स्तर पर सम्पन्न हो रहे हैं। पहले केंद्रीय योजना से ही प्रशिक्षण होते थे, परन्तु अब प्रान्त एवं जिला कार्यकर्ताओं के आग्रह से संगठन तंत्र तथा विषयों के प्रशिक्षण हो रहे हैं। जहां कुछ विषय जैसे आरोग्य मित्र प्रशिक्षण, विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम, योग प्रशिक्षण, वनौषधि प्रचार प्रसार, सुपोषण, पर्यावरण, घरेलू उपचार, प्रथमोपचार आदि जिला एवं विभाग स्तर पर टीम बनाकर कार्य कर रहे हैं; वहीं दूसरे कुछ विषय जैसे महिला कार्य, चिकित्सा विद्यार्थी कार्य, गर्भ संस्कार आदि प्रान्त स्तर पर तया कुछ अन्य विषय जैसे किशोरावस्था स्वास्थ्य (Adolescent Health), आध्यात्मिक स्वास्थ्य, व्यसन मुक्ति, सर्व समवेशी स्वास्थ्य संरचना आदि राष्ट्रीय एवं क्षेत्र (कुछ प्रोतों को मिलाकर) स्तर पर कार्यशालाओं एवं मंचन के स्वरुप में हो रहे हैं। इन सभी के परिणामस्वरुप जहां एक ओर कार्यकर्ता की जानकारी का स्तर बढ़ रहा है. वहीं दूसरी ओर स्वस्थ जीवन शैली स्वभाव का अंग बन रही है। इन सबके साथ समाज में स्वास्थ्य जागरुकता के साथ-साथ नये नये प्रयोग करते हुए दृष्टिगोचर हो रहे हैं। अब अन्य अनेकों स्वास्थ्य सम्बन्धी संगठन तथा NGO’s के साथ मिलकर विषय व्यापकता एवं प्रभाव विस्तार भी कर रहे हैं।
  2. प्रयागराज महाकुंभ में सेवाकार्य:- वैश्विक महापर्व प्रयागराज महाकुंभ में आरोग्य भारती के द्वारा शिविर के माध्यम से सेवाकार्य सम्पन्न हो रहा है। इसमें 15 हजार से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। 12 हजार से अधिक लोगों को प्रिवेन्टिव दवाईयो दी गई। प्रति दिन योग के माध्यम से कुल 150 से अधिक लोगों को स्वस्य रहने हेतु प्रचोधन किया गया एवं 1000 से अधिक लोगों को भोजन कराया गया। इस पूरे कार्य में प्रतिदिन 15 कार्यकर्ता अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं।

ई-मेल: arogyabharti bhopal@gmail.com | वेबसाइट: www.arogyabharti.org

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